मन मौसम

बूँदों का मोक्ष है
बारिश


बादलों के
मिट जाने की चाह की पुष्टि है
बारिश


आकाश का अलंकार
और धरती का संस्कार है बारिश


दुःख की सपाट राह में
सुख की जरा सी नमी है बारिश।

11 टिप्पणियाँ:

अजय कुमार झा 20 अगस्त 2019 को 9:07 am बजे  

वाह बहुत कमाल ।
बूँदो को बूँदों कर दीजिये 🙏🙏🙏🙏🙏

अनुपमा पाठक 20 अगस्त 2019 को 6:53 pm बजे  

कर दिया ठीक! धन्यवाद!

Anita 21 अगस्त 2019 को 6:36 am बजे  

सुंदर परिभाषा बारिश की..

Onkar 24 अगस्त 2019 को 1:05 pm बजे  

सुन्दर प्रस्तुति

Himanshu Arya 6 अक्टूबर 2019 को 2:13 pm बजे  

बहुत सुन्दर , आपके ब्लॉग को फॉलो करने का ऑप्शन नी आ रहा ??

धीरेन्द्र अस्थाना 23 फ़रवरी 2020 को 11:40 am बजे  

उत्तम ।

dj 3 जुलाई 2020 को 4:48 am बजे  

बहुत सुन्दर

जितेन्द्र माथुर 5 फ़रवरी 2021 को 11:52 am बजे  

संक्षिप्त लेकिन हृदयविजयिनी अभिव्यक्ति ।

जितेन्द्र माथुर 19 मार्च 2021 को 3:47 am बजे  

बहुत अच्छी, मन को हरषाने वाली कविता । बारिश की चंद बूंदों जैसी ही राहत देने वाली हैं ये पंक्तियां ।

Rahul... 14 अक्टूबर 2021 को 5:14 am बजे  

अल्प शब्दों में मन का मौसम बयां करती कविता।

Madhuresh 21 मई 2022 को 2:36 pm बजे  

अपने होने के अहसास को 'उस' में मिला देना संभवतः बारिश ही है! सुन्दर, गहन!

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